कर्रेंट अफेयर्स: 21-22-2023

Current Affairs 2021
Current Affairs 2022
Current Affairs 2023

सामान्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी

भूगोल
इतिहास
भारतीय संविधान
विज्ञान
प्रमुख दिवस
भारतीय कला और संस्कृति
खेलकूद सामान्य ज्ञान
पर्यावरण सामान्य ज्ञान
कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारतीय राजव्यवस्था
किताबों का नाम और लेखक
राज्य और उनकी राजधानी
भारतीय कृषि से संबन्धित प्रश्न
सामान्य हिंदी व्याकरण प्रश्नोत्तर
बीएड एंट्रेंस एग्जाम सामान्य ज्ञान
डी.एल.एड एंट्रेंस एग्जाम
राज्य सामान्य ज्ञान
UP CTET/TET/TGT/PGT
KBC GK Quiz
सामान्य ज्ञान IMP
हरियाणा़ सामान्य ज्ञान
ओलम्पिक खेल

Indian Defense GK

भारतीय सेना में प्रवेश परीक्षा

Indian Police GK

भारतीय पुलिस में प्रवेश परीक्षा

UPSSSC सामान्य ज्ञान

UPSSSC PET GK MCQ
UPSSSC Lekhpal
UPSC Gk Quiz
UPPCL JE Civil
CG GK Qus Ans

Bank / LIC Entrance Exam

LIC Exam
बैंकिंग जागरूकता

SSC सामान्य ज्ञान

SSC GD परीक्षा
SSC MTS
SSC Stenographer
SSC
MP PSC
SSC CPO SI/GD

रेलवे परीक्षा

रेलवे सामान्य ज्ञान
रेलवे परीक्षा टेस्ट सीरीज

Reasoning

Logical Reasoning

Math

Arithmetic Math

English Quiz

English Quiz Point

Technology

Technology

Cryptocurrency

Meta & Cryptocurrency

HEALTH

HEALTH

प्रधानमंत्री योजना

PM Yojana

मज़ेदार हिंदी पहेलियाँ

Funny Gk Qus

UP Board Matrix Question

Class 8 NCERT Question
Class 9 NCERT Question
Class 10 NCERT Question
Class 11 NCERT Question
Class 12 NCERT Question

Hemorrhoids Treatment, Piles, Hemorrhoids, Bawasir, Ointment for Piles, Haemorrhoids, External Hemorrhoid, Bawaseer, Piles Operation, Fissure Operation Cost

बवासीर का घर पर होने वाला इलाज – Piles Treatment at Home


लेज़र से इलाज क्यों करवाएँ? टाँके नहीं
30 मिनट में सर्जरी
2 दिनों में काम में शामिल हों


एक ऐसी बीमारी है, जिसका दर्द सहना किसी भी उम्र के इंसान के लिए बेहद मुश्किल होता है। बवासीर के कारण किसी भी इंसान को पाखाना करने और बैठने में असहनीय पीड़ा झेलना होता है। गुदा (पाख़ाना) की जगह पर मलाशय के आसपास की नसों में सूजन होने के कारण बवासीर जैसी गंभीर बीमारी विकसित होती है। इसे इंग्लिश में पाइल्स (piles) कहा जाता है। आइए बवासीर- पाइल्स (piles) के बारे में जानते हैं और यह समझते हैं कि कैसे बवासीर की बीमारी को घर पर कैसे ठीक किया जा सकता है- how to piles treatment at the home।

Piles- पाइल्स (बवासीर) क्या होता है?
Piles- पाइल्स यानी बवासीर। पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें कभी – कभी इंसान का बैठना भी मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी में गुदा- ऐनस (मल त्याग का भाग) के अंदरूनी और बाहरी हिस्से और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन पैदा हो जाती है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर और बाहर किसी एक जगह पर मस्से जैसी स्थिति बन जाती है, जो अंदर बाहर होती रहती है। इसे मेडिकल की भाषा में हेमरॉइड्स (बवासीर) कहा जाता है।

बवासीर कितने तरह की होती है- type of piles
खूनी बवासीर- bleeding piles
बादी बवासीर


खूनी बवासीर- Bleeding Piles
इसमें खून आता रहता है, लेकिन दर्द नाम-मात्र का भी नहीं होता। इस बीमारी का लक्षण जरा देर से पता चलता है। खूनी बवासीर सबसे कठिन होता है। यह जटिलता के तौर पर देखा जाता है, क्योंकि अधिक खून बहने से व्यक्ति कमजोर हो जाते हैं। मल द्वार के आस – पास सूजन आ जाती है। इसमें कई तरह से बचाव करने की जरूरत होती है। शौच के दौरान अगर खून आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।


बादी बवासीर- Bleeding Piles
– बादी बवासीर में दर्द होता है। पेट में दर्द बना रहता है। पेट अधिकतर समय खराब रहता है। यह बीमारी 45 से 65 वर्ष के बीच के लोगों में होना काफी आम बात है।


बवासीर होने के लक्षण- Symptoms of Piles

  • मल द्वार (ऐनस) के आस-पास गांठ जैसा कुछ महसूस होना। इस गांठ में खून जमा हो सकता है। इस लक्षण में दर्द अधिक होता है।
  • शौच (टॉयलेट) के बाद भी पेट भरा हुआ सा महसूस होना।
  • शौच (लैट्रिन) के समय खून आना।
  • शौच (लैट्रिन) करते समय दर्द का एहसास होना।
  • मल द्वार (ऐनस) के आसपास खुजली होना और लाल – लाल चकते पड़ जाना और सूजन आ जाना।


बवासीर होने का कारण- Causes of Hemorrhoids
  • पेट में लम्बे समय तक कब्ज बनी रहना।
  • नियमित रूप से शौच न जाना।
  • एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहना।
  • लंबे समय तक खड़े रहना।
  • पेट ठीक तरीके से साफ न होना।
  • शौच करते समय अत्यधिक जोर लगाना।
  • टॉयलेट पर काफी समय तक बैठे रहना।
  • माता – पिता से भी बीमारी ट्रांसफर हो सकती है (जेनेटिक्स कारण)।
  • डायरिया की समस्या से पीड़ित होना।
  • भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना।
  • अधिकतर मसालेदार भोजन खाना।
  • अधिक दवा खाने से भी बवासीर संभव है।
  • वज़न अधिक होना।
  • महिलाओं में प्रसव के समय बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि ऐनस एरिया में अधिक दबाव होता है।


बवासीर का इलाज- piles treatment in hindi

बवासीर लाइलाज नहीं है। बवासीर- piles का इलाज संभव है। बस जरूरत होती है सही समय पर इसकी पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेने की। बवासीर के कुछ मामले बिगड़ जाने पर यानी बवासीर को अधिक समय हो जाने पर डॉक्टर इसका आपरेशन करने के लिए भी बोलते हैं। इसी लिए बवासीर के लक्षण को पहचान कर जितना जल्दी बवासीर का इलाज- piles treatment करा लिया जाए उतना ही बेहतर होता है।

  • दवा के जरिए भी बवासीर का इलाज किया जा सकता है लेकिन तभी तक जब तक बवासीर प्रथम चरण या दूसरे चरण में हो। बवासीर के दूसरे स्टेज तक होने पर आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। अगर मस्से थोड़े बड़े है तो उनको रबर बैंड लीगेशन का प्रयोग करते हुए जड़ पर एक या दो रबर बैंड बाँध दिया जाता है। इससे खून बहना रुक जाता है और एक या दो सप्ताह बाद बवासीर का मस्सा सूख कर समाप्त हो जाता है। (इस विधि का प्रयोग हमेशा डॉक्टर के सलाह से ही करना चाहिए)

  • मस्सा अगर बड़ा हो गया है और बाकी सभी piles treatment के उपाय असफल हो चुके हैं तो डॉक्टर हेमरॉयरडक्टमी का तरीका अपनाते हैं। यह प्रक्रिया आपरेशन कहलाती है। इसमें अंदर या बाहर के मस्से को काटकर बाहर निकाल दिया जाता है।

बवासीर को घर पर ठीक करने का उपचार- Piles treatment at home

पानी पीने की मात्रा बढ़ाएं
बवासीर के उपचार में (piles treatment) यह बहुत महत्वपूर्ण है रोज़ाना भरपूर मात्रा में पानी पीना । यहां यह ध्यान रखने वाली बात है कि पानी में किसी प्रकार की किसी चीज की मिलावट नहीं की गई है। सादा पानी ही फ़ायदेमंद होता है। सॉफ्ट ड्रिंक, कॉफी, चाय और शराब जैसी चीजों से जरा दूरी बनाएं।

गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिए
बवासीर के उपचार- Piles treatment के अनुसार गरम पानी (गुनगुने पानी) से नहाने से भी बवासीर (पाइल्स) में राहत मिलती है। गरम पानी का प्रयोग करने से सूजन और खुजली कम होती है। अगर खुजली हो रही हो तो उस हिस्से (जहां खुजली हो रही है) पर नारियल तेल लगाने से राहत मिलती है।


बवासीर का उपचार करने के दौरान- Piles treatment के अनुसार गरम पानी के इस्तेमाल करने की दूसरी विधि यह है कि पानी को गुनगुना गरम करके उसे एक बड़े बर्तन में रखे और उस बर्तन में बैठने की कोशिश करें। यह ऐसे पोजीशन में होना चाहिए जिससे की गुदा (पाख़ाना करने की जगह) गरम पानी में रहे। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और मल निकलने में आसानी रहती है। इस विधि का प्रयोग अपने डॉक्टर से पूछने के बाद ही करें और अगर कोई महिला गर्भवती हैं तो उन्हें इस विधि का प्रयोग करने से बचना चाहिए। इससे हो सकता है कि पेट में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचे।
नियमित व्यायाम करने से प्राप्त होगा लाभ
घर पर बवासीर का उपचार करने में (Piles treatment at home) सबसे आसान और असरदार तरीका है- व्यायाम करना। अगर कोई बवासीर का मरीज़ नियमित तौर पर व्यायाम करता है, अपनी जीवन शैली नियमित रखता है तो इससे उसे कब्ज की बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। दूसरा फायदा यह है कि इससे ब्लड-प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। तो फिर आलस का त्याग करना चाहिए और नियमित तौर पर व्यायाम करना चाहिए।

Piles cure at home में आइस पैक भी करेगा मदद
Piles treatment at home यानी बवासीर का घर पर उपचार के दौरान एक शानदार विधि आइस पैक को इस्तेमाल करना भी है। आइस पैक को पाइल्स की बीमारी दूर करने में काफी सहायक माना जाता है। आइस पैक का प्रयोग बवासीर से प्रभावित हिस्से की सिकाई करने में होता है। इससे रोजाना 5 से 10 मिनट तक सिकाई करने से बवासीर की समस्या से आराम मिलता है।

Natural treatment for piles में एलो वेरा का महत्वपूर्ण योगदान
कुछ लोगों का यह मानना होता है कि एलो वेरा सिर्फ स्किन को सॉफ्ट और स्पॉटलेस के ही काम में आता है लेकिन एलो वेरा बवासीर के लिए बेहतरीन औषधि यानी दवा है। इससे पाइल्स की बीमारी में काफी राहत मिलती है। पाइल्स में एलो वेरा का इस्तेमाल करने के तरीके बारे में बात करें तो एलो वेरा के जैल को पाइल्स वाले हिस्से में बाहर के तरफ लगाना होता है। दिन में 2 से 3 दिन एलो वेरा का इस्तेमाल करने से काफी आराम मिलता है।
मल निकालने के लिए जोर नहीं लगाना चाहिए
Natural treatment for piles यानी प्राकृतिक तरीके से बवासीर के इलाज का सबसे अहम हिस्सा है मल करते समय अधिक जोर न डालना। इससे बचने के लिए आसान तरीका है- जब लगे कि पाख़ाना लग रहा है तो तुरंत निपट लेना चाहिए। इससे आपको अधिक जोर भी नहीं लगाना होगा और धीरे – धीरे यह रूटीन का हिस्सा बन जायेगा। घर पर होने वाले बवासीर के इलाज (piles treatment at home) में यह बहुत ही खास तरीका होता है बवासीर को दूर भगाने का।
बवासीर होने पर इन चीजों से करें परहेज

  • मिर्च: हरी और लाल दोनों नहीं खाना चाहिए इससे जख्म फिर से सक्रिय हो जाता है। मिर्च के साथ ही अधिक चटपटा खाने से भी करना चाहिए परहेज।
  • किसी भी तरह का धूम्रपान या गुटखा: वैसे नशा तो किसी भी बीमारी में नहीं करना चाहिए लेकिन जब बवासीर हो तो इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।
  • फ़ास्ट फूड से रहे दूर: बवासीर होने पर फास्ट फूड से जितना हो सके दूरी बनाएं रखें।
  • बाहर का खाना: बवासीर होने पर बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जबकि घरों में खाना सफाई से बनाया जाता है और मसालों का कम इस्तेमाल किया जाता है। अस्वस्थ खाने से पाइल्स का संक्रमण बढ़ सकता है और दर्द भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
  • घी और तेल से करना चाहिए परहेज: पाइल्स के मरीज को घी और तेल के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए। घी व तेल का अधिक इस्तेमाल पाइल्स को और दर्दनाक बना सकता है।
  • मसूर की दाल: बवासीर के मरीज़ों को राजमा और दूसरी दालें जैसे मसूर आदि खाने से परहेज करना चाहिए। इनके सेवन से यह समस्या बढ़ सकती है।

पिछले वर्ष के हल प्रश्न पत्र / अभ्यास सेट

  • Gk Question NCERT Class 5
  • Gk Question NCERT Class 6
  • Gk Question NCERT Class 11
  • NEET Biology Gk
  • CBSE Biology Gk
  • T20 Cricket World Cup
  • IPL 2022 Gk Quiz
  • IPL 2022 Gk Quiz
  • Learning License Test
  • Reasoning Questions Mock Test
  • Number Series Reasoning
  • Delhi Police Gk
  • Delhi Police History Gk
  • SSC CHSL GK QUIZ
  • NCERT Class 8 Science
  • NCERT Class 10 Science
  • BSC Nursing Entrance Exam
  • Stem Education GK
  • GNM/ANM BSC Nursing GK
  • Polytechnic GK
  • Panchayati Raj
  • Class 6 GK
  • Class 7 GK
  • Class 8 GK
  • Class 9 GK
  • Class 10 GK
  • Class 11 GK
  • Class 12 GK
  • Reasoning Question In Hindi
  • जानवरों के नाम हिंदी में
  • पक्षियों के नाम हिंदी में
  • सब्जियाँ के नाम हिंदी में
  • हड्डियों (Bones) के नाम हिंदी में
  • पहाड़ा (Tables 2 to 20)
  • महीनों के नाम हिंदी में
  • सप्ताह के नाम हिंदी (Week) में
  • रंगों के नाम हिंदी में
  • शहर के नाम हिंदी में
  • Amazing Facts GK
  • interesting GK
  • Stem Education GK
  • Polytechnic GK
  • Panchayati Raj
  • Agnipath Agniveer GK
  • Hssc GK Quiz
  • Jawaharlal Nehru jayanti GK
  • Airforce Agnipath Agniveer Gk
  • Class 6 GK Question and Answer
  • Hockey Related GK Questions
  • Haryana Patwari GK Question
  • Army Agniveer GK Question
  • Navy Agniveer Entrance Exam
  • AirForce Agniveer Entrance Exam
  • Bihar B Ed /D.EL.ED Entrance GK
  • Army NCC Gk Question
  • संस्कृत में सभी फलों के नाम
User Registration
Facebook share link
whatsapp share link
Scroll Down
This example demonstrates how to create a "scroll to top" button that becomes visible when the user starts to scroll the page.